“Akshaya Tritiya पर सिर्फ सोना-चांदी ही नहीं, बल्कि सौभाग्य के लिए घर लाएं ये चीजें” डॉ सोनिका जैन {ज्योतिषाचार्य}

हिंदू धर्म शास्त्रों में AKSHAYA TRITIYA तिथि को बेहद खास माना गया है। AKSHAYA TRITIYA का पर्व प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।अक्षय तृतीया व​ह तृतीया तिथि है, जिसका कभी क्षय न हो | कहने का मतलब यह है कि आप अक्षय तृतीया के दिन जो भी शुभ कार्य करेंगे, उससे मिलने वाला पुण्य लाभ हमेशा आपके साथ रहेगा | इस वजह से उस दिन हमेशा अच्छे कार्य करने चाहिए. गलत कार्यों के जरिए अर्जित पाप भी आपके साथ अक्षय ही रहेगा|  इसको शुभ दिन के साथ-साथ स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी माना जाता है अर्थात यह एक ऐसा दिन है जब आप कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे कर सकते हैं। ऐसे में इस दिन गृह प्रवेश, और उद्योग आरंभ करने जैसे मांगलिक कार्य भी किए जाते हैं। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

AKSHAYA TRITIYA के पर्व को आखा तीज के नाम से भी जाना है। इस दिन को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाई जाती है। यह पर्व हिंदू और जैन दोनों ही धर्म के भक्तों के लिए विशेष होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि पर ही त्रेता और सतयुग का आरंभ भी हुआ था, इसलिए इसे कृतयुगादि तृतीया भी कहते हैं।AKSHAYA TRITIYA तिथि की अधिष्ठात्री देवी पार्वती हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी क्षय न हो या फिर जिसका कभी नाश न हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस शुभ पर्व पर किया जाने वाले दान-पुण्य, पूजा-पाठ, जाप-तप और शुभ कर्म करने पर मिलने वाला फलों में कमी नहीं होती है। इस दिन सोने के गहने खरीदने और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

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अक्षय तृतीया मुहूर्त (Akshaya Tritiya shubh muhurat)

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारम्भ 10 मई, 2024 को प्रातः 04 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 11 मई को रात्रि 02 बजकर 50 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में AKSHAYA TRITIYA का पर्व 10 मई, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा –

AKSHAYA TRITIYA पूजा मुहूर्त – प्रातः 05 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक

सोना खरीदारी हेतु समय

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर सुकर्मा योग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से हो रहा है, जो दिन भर है। साथ ही रवि योग का भी संयोग बनेगा। इस दिन प्रातः काल 05 बजकर 33 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक सोने की खरीदारी कर सकते हैं। दोपहर के समय में 12 बजकर 18 मिनट से लेकर 01 बजकर 59 मिनट तक सोना खरीदने हेतु शुभ समय है। जबकि, संध्याकाल में 09 बजकर 40 मिनट से रात 10 बजकर 59 मिनट तक शुभ समय है।

ऐसा माना गया है कि अक्षय तृतीया के दिन सोनाचांदी खरीदना लाभकारी होता है। इसके अलावा भी ऐसी 5 चीजें बताई गई हैं जिन्हें आप घर लाकर अपने भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं।

  1. मिट्टी से बने मटके या कलश:

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन मिट्टी से बने मटके या कलश को घर लाना बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि यदि आप AKSHAYA TRITIYA के दिन जल से या फिर चावल भरा हुआ मटका घर लेकर आते हैं, तो इससे कभी धन-धान्य कमी नहीं होती।

  • श्री यंत्र :

 इस बार AKSHAYA TRITIYA का पर्व शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। ऐसे में आप लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया के दिन श्री यंत्र को घर ला सकते हैं। श्री यंत्र को माता लक्ष्मी का ही प्रतीकात्मक रूप भी माना जाता है। इस दिन श्रीयंत्र को घर लाने के बाद इसे मंदिर में विधि-विधान पूर्वक स्थापित करें। ऐसा करने से भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इससे आपके घर में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का दिव्य वास रहेगा।

  • दक्षिणावर्ती शंख, एकाक्षी नारियल :

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, AKSHAYA TRITIYA का दिन माता लक्ष्मी के लिए समर्पित माना गया है। ऐसे में आप इस शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख, एकाक्षी नारियल आदि भी ला सकते हैं। इन्हें लाने के बाद विधि-विधान पूर्वक घर के मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए।

  • बर्तन

 इस दीन बर्तन खरीदे |खासकर घड़ा खरीदें मां लक्ष्मी को कौड़ी बेहद पसंद है | इस दिन कोड़ी खरीद कर मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें| मां लक्ष्मी की पीतल की मूर्ति भी खरीद सकते है |

  •  नमक

इस दिन, भगवान विष्णु के भक्त उपवास रखते हैं और बाद में जरूरतमंदों को चावल, नमक, घी, सब्जियां, फल और कपड़े देते हैं। भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में तुलसी का जल भी हर जगह छिड़का जाता है।

  • पीली सरसों और जौ:

इन अनाजों का उपयोग अक्षय तृतीया पर देवी की पूजा के लिए किया जाता है। तो इन चीजों को जरूर खरीदें. इसके साथ ही AKSHAYA TRITIYA के दिन जौ खरीदना भी बहुत लाभकारी माना जाता है।

अक्षय तृतीया 2024 राशि अनुसार खरीदारी (Akshaya Tritiya Shopping According to Zodiac Sign)

मेष राशि AKSHAYA TRITIYA के दिन मेष राशि के लोगों को जौ, सोना, तांबे का कलश या तांबे से बने बर्तन खरीदना चाहिए.

वृषभ राशि  वृषभ राशि लोगों को AKSHAYA TRITIYA पर चावल, चांदी बाजरा, कौड़ी,  खरीदना चाहिए, इससे बरकत होती है.

मिथुन राशि – AKSHAYA TRITIYA पर मिथुन राशि वाले खड़ा धनिया, गैजेट्स, हरे रंग के कपड़े खरीद सकते हैं. ये आपके भाग्य में वृद्धि करेगा.

कर्क राशि AKSHAYA TRITIYA के दिन कर्क राशि वाले गोमती चक्र, चांदी, स्टील खरीदते हैं तो इसे अच्छा माना जाता है.

सिंह राशि आप AKSHAYA TRITIYA के दिन तांबे की कोई वस्तु खरीद सकते हैं, श्रीयंत्र खरीदना भी शुभ होगा, इससे लक्ष्मी स्थाई रूप से घर में वास करती हैं.

कन्या राशि कन्या राशि के लोग AKSHAYA TRITIYA पर तुलसी का पौधा घर लाएं. इसके होने से दरिद्रता दूर रहती है.

तुला राशि AKSHAYA TRITIYA तुला राशि वालों को दक्षिणावर्ती शंख, गैजेट्स, सोना, खरीदना शुभ रहेगा.

वृश्चिक राशि  इस दिन अगर आप गुड़, सोना, जौ खरीदकर लाते हैं तो धन में बरकत होती है, तिजोरी हमेशा भरी रहती है.

धनु राशि धनु राशि के लोग AKSHAYA TRITIYA पर पीतल या पीतल से बने बर्तन, लड्‌डू गोपाल घर ले आएं. सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी.

मकर और कुंभ राशि  AKSHAYA TRITIYA के दिन मकर राशि के चांदी, आभूषण, काले तिल, खरीदना शुभ रहेगा.

मीन राशि AKSHAYA TRITIYA पर आप जौ, सोना, हल्दी और चले की दाल घर ला सकते हैं. मान्यता है इससे गुरु की शुभता प्राप्त होती है. लक्ष्मी जी प्रसन्न रहती हैं.

AKSHAYA TRITIYA का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब AKSHAYA TRITIYA का पर्व आता है तब सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में रहते हैं, साथ ही इस तिथि पर चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद होते हैं। माना जाता है इस दौरान सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सबसे ज्यादा चमकीले यानी सबसे ज्यादा प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। इस तरह से अक्षय तृतीया पर ज्यादा से ज्यादा प्रकाश पृथ्वी की सतह पर मौजूद रहता है। इस कारण से इस अवधि को सबसे शुभ समय माना जाता है।

AKSHAYA TRITIYA पर्व से जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य

1- AKSHAYA TRITIYA तिथि पर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम जी की जयंती भी मनाई जाती है। भगवान परशुराम को चिरंजीवी माना गया है इस कारण से इस चिरंजीवी तिथि भी कहा जाता है। 
2- AKSHAYA TRITIYA पर ही सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था।
3- भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीव का अवतरण AKSHAYA TRITIYA तिथि पर ही हुआ था।
4- इस तिथि पर ही ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव हुआ था।
5- AKSHAYA TRITIYA के दिन ही वेद व्यास और श्रीगणेश द्वारा महाभारत ग्रंथ के लेखन का प्रारंभ किया गया था।
6- AKSHAYA TRITIYA के पर्व के दिन ही महाभारत के युद्ध का समापन हुआ।
7- धार्मिक मान्यताओं  के अनुसार AKSHAYA TRITIYA की तिथि पर ही मां गंगा का पृथ्वी में आगमन हुआ था।
8- इस तिथि पर ही हर वर्ष श्री बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते हैं ।
9-  AKSHAYA TRITIYA तिथि पर ही वृन्दावन के श्री बांकेबिहारी जी के मंदिर में सम्पूर्ण वर्ष में केवल एक बार श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं।
10- AKSHAYA TRITIYA तिथि से ही उड़ीसा के प्रसिद्धि पुरी रथ यात्रा के लिए रथों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाता है।  

AKSHAYA TRITIYA व्रत और संपूर्ण पूजा विधि

AKSHAYA TRITIYA सर्व सिद्धि मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष महत्व होता है। अपने और परिवार की सुख- समृद्धि के लिए व्रत रखने का महत्व होता है।| अक्षय तृतीया पर सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करके  श्री विष्णुजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए। फिर इसके बाद श्वेत कमल के पुष्प या श्वेत गुलाब, धूप-अगरबत्ती और चन्दन इत्यादि से पूजा अर्चना करनी चाहिए। नैवेद्य के रूप में जौ, गेंहू, या सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि अर्पित करें। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दान-दक्षिणा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।


इस बार गजकेसरी राजयोग का निर्माण भी होगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को बहुत शुभ योग माना जाता है। यह गजकेसरी राजयोग गुरु और चंद्रमा की युति से बनता है। आपको बता दें कि 100 साल बाद AKSHAYA TRITIYA पर गजकेसरी राजयोग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग बनने से कुछ राशि वालों के लिए आने वाला समय बहुत अच्छा साबित हो सकता है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया पर किन राशि वालों के ऊपर मां लक्ष्मी मेहरबान रहेंगी। 

मेष राशि 
AKSHAYA TRITIYA पर गुरु-चंद्र की युति से बनने वाला गजकेसरी राजयोग मेष राशि के जातकों के लिए बहुत ही अनुकूल सिद्ध हो सकता है। यह राजयोग आपकी कुंडली के धन और वाणी भाव में बन रहा है। ऐसे में आपके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी। अचानक से धन लाभ की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए आने वाला समय बहुत ही अच्छा साबित होगा। कार्यक्षेत्र में सफलताएं मिलेंगी। धन लाभ के सुनहरे और बेहतर मौके मिलेंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। आपके अंदर किसी काम को करने में अच्छा आत्मविश्वास रहेगा। अपनी वाणी और कौशल के बल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहेंगे। 

सिंह राशि 
सिंह राशि के जातकों के लिए गजकेसरी राजयोग दशम भाव में बनेगा। ऐसे में यह राजयोग बहुत ही लाभदायक रहेगा। धन लाभ और तरक्की को योग बन रहे हैं। व्यापार में अपने काम-धंधे पर ज्यादा जोर रहेगा जिससे अच्छा मुनाफा मिलेगा। सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। जो लोग नौकरी की तलाश हैं उन्हे अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और कारोबार में विस्तार की अच्छी संभावना है। 

कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के ऊपर गजकेसरी योग का विशेष प्रभाव पड़ेगा। आपके अच्छे दिन की शुरुआत हो सकती है। यह राजयोग आपकी कुंडली के नवम भाव में बनने जा रहा है। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। धन लाभ के विशेष अवसर प्राप्त होंगे। करियर से जुड़े मामलों में विस्तार मिलेगा। शुभ समाचारों की प्राप्ति हो सकती है। दोस्तों और परिवार के सदस्यों का साथ मिलेगा। आपके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पूरे साल बनी रहेगी।

स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त है AKSHAYA TRITIYA


शास्त्रों में AKSHAYA TRITIYA तिथि को स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त माना गया है। यानी इस तिथि पर बिना मुहूर्त का विचार किए सभी प्रकार के शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है। इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, सोने-चांदी के आभूषण. घर, भूखंड या वाहन आदि की खरीदारी से सम्बंधित कार्य किए जा सकते हैं। उसके लिए आपको कोई शुभ मुहूर्त या फिर पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती है. इस वजह से लोगों को अक्षय तृतीया की बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है. ऐसी मान्यता है कि इस अबूझ मुहूर्त की तिथि पर व्यापार आरम्भ, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्य, सकाम अनुष्ठान, दान-पुण्य,पूजा-पाठ अक्षय रहता है अर्थात वह कभी नष्ट नहीं होता।

AKSHAYA TRITIYA पर क्या करें ?

1. AKSHAYA TRITIYA के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इससे परिवार में सुख, समृद्धि, धन, वैभव बढ़ता है और अक्षय रहता है.

2. अक्षय तृतीया के अवसर सोना, चांदी, आभूषण आदि की खरीदारी कर सकते हैं.

3. AKSHAYA TRITIYA वाले दिन मकान, प्लॉट, जमीन, फ्लैट, वाहन आदि की खरीदारी कर सकते हैं.

4. AKSHAYA TRITIYA पर विवाह और सगाई कर सकते हैं.

5. इनके अलावा अक्षय तृतीया पर गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, नई नौकरी या नए काम की शुरूआत भी कर सकते हैं.

  1. तिजोरी में रखें यह चीज :

अक्षय तृतीया के दिन एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखना काफी शुभ माना जाता है।  इसके अलावा इस दिन तिजोरी में चांदी की डिब्बी में शहद और नाग  केसर भर कर रखना चाहिए।

  •  तर्पण :

अक्षय तृतीया के दिन तर्पण करना और तीर्थ स्थान पर जाना काफी शुभ माना जाता है ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन यह दो काम जरूर करने चाहिए इससे आपको पूरा साल फायदा मिलता है

  • राम रक्षा स्त्रोत का पाठ :

अगर आपके घर में कोई व्यक्ति काफी लंबे समय से बीमार है या घर के लोगों को बार-बार किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ता है तो अक्षय तृतीया के दिन राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।

  • अशोक के पत्तों की बंदनवार :

अक्षय तृतीया पर अपने घर के मुख्य द्वार पर आम या फिर अशोक के पत्तों की बंदनवार लगाएं। बंदनवार लगाते समय मां लक्ष्मी के वैदिक मंत्रों का जाप करें, जो लोग यह कार्य करते हैं उनके घर में धन की देवी होंगी खुश होती है और घर धनवैभव से भरा रहेगा |

5.    पौधे लगाना

अक्षय तृतीया के दिन पौधे लगाना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इस तिथि पर पीपल, आम, पाकड़, गूलर, बरगद, आंवला, बेल, आदि के वृक्ष लगाए जा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मौके पर घर या फिर किसी भी पवित्र स्थान पर पौधे लगाने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही धन की देवी खुश होती हैं। कभी पैसों की कमी नहीं रहती है। साथ ही जीवन में धन-वैभव का आगमन होता है।

  •  कौडिया :

अक्षय तृतीया के दिन 11 कौडियों  को लाल कपड़े में बांधकर पूजा स्थान पर रखें। इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इसका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है। देवी लक्ष्मी के समान ही कौडिया  समुद्र से उत्पन्न हुई है।

आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी के मंदिर में AKSHAYA TRITIYA से प्रारंभ करते हुए प्रत्येक शुक्रवार धूपबत्ती वह गुलाब की अगरबत्ती दान करने से जीवन में अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं

AKSHAYA TRITIYA के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक तंगी की परेशानियों में लाभ मिलता है

अक्षय तृतीया का व्रत रखकर गर्मी की वस्तुएं जैसे छाता, दही, जूता, चप्पल, जल का घड़ा, सत्तू, खरबूजा, तरबूज, बेल का शरबत, मीठा पानी, हाथ वाले पंखे, टोपी, सुराही आदि वस्तुओं का दान करने से जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है

आर्थिक प्रबलता प्राप्त करने के लिए इस दिन गूलर की एक छोटी सी जड़ को स्वर्ण ताबीज में डाल दीजिए फिर अपने गले में धारण कर लीजिए।

घर की शुद्धता और धन योग के लिए AKSHAYA TRITIYA पर प्रात काल उठकर तीन या पांच गोमती चक्रों का चूर्ण बना लीजिए फिर घर के मुख्य दरवाजे के सामने इस चूर्ण को बिखेर दीजिए।

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